नई दिल्ली: भैंस का क्लोन तैयार करने के बाद नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनडीआरआई) पशुओं की विलुप्त होती प्रजातियों का क्लोन बनाने की तैयारी कर रहा है। सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में मिलने वाली पश्मीना बकरी का क्लोन तैयार किया जाएगा। बेहतरीन गुणवत्ता वाली ऊन के लिए दुनिया भर में मशहूर यह बकरी अब विलुप्त होने के कगार पर है। एनडीआरआई के निदेशक ए.के. श्रीवास्तव ने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि पश्मीना बकरी का क्लोन तैयार करने की परियोजना पर अगले दो माह में काम शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि देश में पश्मीना ऊन की बहुत मांग है। पश्मीना या छांगथांगी बकरी जम्मू-कश्मीर के लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के लाहौल व स्पिीति इलाके में पाई जाती है। निदेशक ने कहा कि पश्मीना बकरी की क्लोनिंग से अच्छी गुणवत्ता वाले ऊन का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से शुरू की जा रही है।
अब पश्मीना बकरी की क्लोनिंग की तैयारी
October 16, 2009 at 2:09 pm (Uncategorized)
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